एडवेंचर्स
कोल्हुआ पहाड़
कोल्हुआ पहाड़ हंटरगंज प्रखंड से 6 किलोमीटर दूर स्थित हैं हंटरगंज से कोल्हुआ पहाड़ जाने के क्रम में लिलाजन नदी को पार करना पड़ता है लिलाजन नदी पर अब पुल का निर्माण हो गया है जिस कारण कोल्हुआ पहाड़ जानासुगम हो गया है |इसकी ऊंचाई 1575 फीट है जो इसे काफी आकर्षक बनाता है इसके सबसे ऊँची चोंटी को आकाश लोचन कहा जाता है | यहाँ पर बहुत सारे प्राचीन मंदिर है जिसमे काफी प्रशिद्ध कौलेश्वरी मंदिर है |
तमासीन
यह एक काफी खुबसूरत पिकनिक स्पॉट है जो की चतरा के उत्तर – पूर्व में 26 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है | यह खुबसूरत झरना चतरा जिले के कान्हाचट्टी प्रखंड में है | यहाँ पर एक बहुत बड़ा जलाशय है| इस स्थल में माँ भगवती की एक प्रसिद्ध गुफा है | यहाँ पर लोग खुबसूरत झरने को देखने के लिए दूर – दूर से आते है |
तमासिन में तामासिन का टूटना है जिसका मतलब है कि अंधेरे का प्रचलन है। यह क्षेत्र मिश्रित जंगल से भरा हुआ है, जिसमें उच्चे पेड़ दिन के उजाले में भी अँधेरा बनाते हैं। तमासिन एक बहुत ही खूबसूरत झरना के लिए प्रसिद्ध है जो पर्यटकों के दिये प्यार का इंतजार कर रहा है। यह क्षेत्र भारत के पर्यटन के नक्शे पर एक स्थान के योग्य है।
मलूदाह
यह खुबसूरत झरना चतरा के पश्चिम में लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 5 किमी तक यह गाडियों के द्वारा है और बाकी 3 किमी पैदल चलना पड़ता है। यह झरना खुबसूरत झरना 50 फीट की ऊंचाई से गिरता है। इस झरने का आकर इस प्रकार है की जैसे कोई अर्ध गोलाकार पहाड़ को काटा गया है। यह नजारा इस जगह को और आकर्षक बनाता है |
डुमेर – सुमेर
यह 12 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर में स्थित चतरा का एक और महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल है, जिसमें 10 किमी की दुरी वाहन द्वारा तय किया जा सकता है और बाकी दो किलोमीटर एक पैदल चलना पड़ता है। सड़क कच्चा है| यह काफी आकर्षक पर्यटक स्थल है | यहाँ का दृश्य काफी मनोहर है | प्रत्येक वर्ष बहुत सारे पर्यटक इस स्थल में आकर बहुत हर्ष एवं आनंद उठाते है |इस तरह की ऊंचाई से पानी गिरने के लिए यह अच्छा लगता है ऐसा प्रतीत होता है कि वसंत, चट्टानी दीवारों के खिलाफ चमक रहा है, जो कि सफेद किरणों से उगते हैं। ऐसा लगता है जैसे वह सूरज के नीचे बौछार स्नान का आनंद ले रहा है |